Sunday, November 11, 2018

भैरव सर्व फलप्रद स्तोत्र



ॐ भं भैरवाय अनिष्ट निवारणाय स्वाहा।

मम सर्वे ग्रहा: अनिष्ट निवारणाय स्वाहा।

ज्ञानं देहि , धनं देहि, मम दारिद्र्य दुखं निवारणाय स्वाहा।

सुतं देहि , यशं देहि, मम गृह क्लेशं निवारणाय स्वाहा।

स्वास्थ्य देहि , बलं देहि, मम शत्रु निवारणाय स्वाहा।

सिद्धं देहि, जयं देहि, मम सर्वे ऋण : निवारणाय स्वाहा ।

ॐ भं भैरवाय अनिष्ट निवारणाय स्वाहा।

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